एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट के सर्वे के अनुसार फेटिसाइड आज भी एक बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है
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डीडब्लू की 2019 में पब्लिश एक रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा किया गया था कि नार्थ इंडिया के एक क्षेत्र में पिछले तीन महीनों में पैदा होने वाले सभी बच्चे, लड़के हैं
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यह रिपोर्ट अपने आप में काफी हैरान कर देने वाली है कि आखिर ऐसे कैसे हो रहा है
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इसके पीछे सबसे बड़ा यह कारण है कि भारत में लिंग चयन के आधार पर कन्या भ्रूण हत्या का प्रचलन बहुत अधिक है
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एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट के सर्वे के अनुसार फेटिसाइड के मामले में भारत नम्बर एक पर है
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भारत में यह सामाजिक समस्या है कि यहां लड़कियों के मुकाबले लड़कों को अधिक महत्व देने की प्रवृत्ति है
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इस आधार पर विभिन्न मेडिकल तरीकों से लिंग-चयन आधारित गर्भपात का सहारा लिया जाता है
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हालांकि सरकार ने इसको रोकने के लिए तमाम कानून बनाएं हैं और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
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लेकिन आज भी लिंग चयन और भ्रूण हत्या की रोकथाम के बावजूद, कुछ स्थानों पर यह अभी भी एक समस्या बनी हुई है