मुस्लिम समुदाय में क्या है बाल विवाह का आंकड़ा? भारत में बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, असम में बाल विवाह की दर 32 प्रतिशत अधिक है हाल ही में असम सरकार ने मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त कर दिया है जिसका उद्देश्य बाल विवाह को रोकना है मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि नए कानून के तहत मुस्लिम विवाह का पंजीकरण सरकारी कार्यालयों में होगा इसके साथ ही विवाह की न्यूनतम उम्र 18 और 21 वर्ष होगी असम में 2019-20 में एक लाख से अधिक लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पहले कर दिया गया था इस कदम का उद्देश्य लैंगिक न्याय और बाल विवाह को कम करना है हालांकि, कुछ लोग इस फैसले को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण मानते हैं