इस्लाम से जुड़े मामलों में कई बार मेहरम शब्द सुना होगा

लेकिन बहुत कम लोग इसका मतलब जानते हैं

आइए हम आपको बताते हैं कि इस्लाम में मेहरम का मतलब क्या होता है

मेहरम महिलाओं के लिए सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है

इसमें वो रिश्तें आते हैं जिनसे शादी करना इस्लाम में अवैध है

मुस्लिम महिलाओं को अपने मेहरम के सामने पर्दा करने को जरूरत नहीं होती

इसमें सगे भाई, माता-पिता, चाचा-मामा, दादा, अपने भाई-बहन के बेटे शामिल होते हैं

शादी के बाद भी महिलाओं के लिए मेहरम होते हैं

ससुराल में पति के पिता-भाई और परिवार में अन्य शादीशुदा व्यक्ति मेहरम होता है

पहले मुस्लिम महिलाएं बिना मेहरम के हज पर नहीं जा सकती थीं