किस पर लगाया जाता था जजिया?

जजिया एक कर था, जो गैर-मुस्लिमों से लिया जाता था

यह कर उनकी सुरक्षा, संपत्ति और धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी के बदले लगाया जाता था

जिन गैर-मुस्लिमों को यह सुरक्षा मिलती थी, उन्हें धिम्मी कहा जाता था

धिम्मी को मुस्लिम राज्य में संरक्षित व्यक्ति माना जाता था

मुसलमानों से भी कर लिया जाता था, जो कई बार जजिया से भी ज्यादा होता था

साथ ही, उन्हें सैन्य सेवा भी करनी पड़ती थी

यह सैन्य सेवा गैर-मुस्लिमों के लिए जरूरी नहीं थी

यह कर मुस्लिम राज्य में गैर-मुस्लिमों की नागरिक और राजनीतिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए था

अगर राज्य सुरक्षा देने में असमर्थ होता था, तो जजिया लेना गलत माना जाता था