अजमेर में चादर ही क्यों चढ़ाई जाती है?

Published by: एबीपी लाइव
Image Source: PTI

राजस्थान के अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है

Image Source: PTI

इस दरगाह को ख्वाजा गरीब नवाज भी कहा जाता है

Image Source: PTI

यहां हर साल गरीब नवाज का उर्स (पुण्यतिथि) मनाया जाता है

Image Source: PTI

इस दौरान सभी अकीदमंद (श्रद्धालु) चादर चढ़ाते हैं

Image Source: PTI

चादर चढ़ाने की ये रस्म 810 साल पुरानी है, जिसे पहली बार उर्स में मजार को ढंकने के लिए शुरू किया गया था

Image Source: PTI

यहां 50 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये या इससे भी मंहगी चादर चढ़ाई जाती हैं

Image Source: PTI

इसमें कई चादर सोने चांदी की तारों से भी बनी होती हैं

Image Source: PTI

इस मजार शरीफ पर काम आने वाली पूरी चादर 42 गज की होती है

Image Source: PTI

आजादी से पहले की कई चादर यहां अभी भी महफूज हैं

Image Source: PTI