स्वर्ण मंदिर हरमंदिर साहिब या श्री दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है.



सिखों के पांचवें गुरु अर्जनदेव ने स्वर्ण मंदिर का निर्माण कार्य



पंजाब के अमृतसर में शुरू कराया था, जो कि भारत में पंजाब में स्थित हैं.



इस मंदिर को अकाल तख़्त पर स्थापित किया गया है.



जब यह मंदिर बना था तब इस पर सोने की परत नहीं थी.



महाराजा रणजीत सिंह ने 19वी शताब्दी में पंजाब को



बाहरी आक्रमणों से बचाया और इसका पुनरुद्धार करवाया जिसमें,



गुरूद्वारे के ऊपरी भाग को सोने से ढक दिया और इसकी सुन्दरता को सबसे अलग बना दिया.



स्वर्ण मंदिर बनने से पहले सिखों के प्रथम गुरु,



गुरु नानक ने इस जगह पर ध्यान किया था.



इसमें चार मुख्य द्वार है, जो कि चारों दिशाओं में खुलते हैं.



मतलब है की कोई भी किसी भी धर्म का इंसान इस मंदिर में आ सकता है.



करीबन 35 प्रतिशत पर्यटक सिख के अलावा अन्य धर्मों से यहाँ आते हैं.



1 लाख से ज्यादा लोग हर रोज़ स्वर्ण मंदिर में भक्ति-आराधना करने के उद्देश्य से आते है.