स्वर्ण मंदिर में 24 कैरेट की परत का इस्तेमाल किया गया है.

स्वर्ण मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं.

यह गुरुद्वारा इसी सरोवर के बीचोबीच स्थित है.

सिखों के चौथे गुरु रामदास जी ने इसकी नींव रखी थी.

स्वर्ण मंदिर को कई बार नष्ट किया जा चुका है.

स्वर्ण मंदिर के चार द्वार हैं.

विश्राम-स्थलों के साथ-साथ यहां चौबीस घंटे लंगर चलता है.

गुरुद्वारे का बाहरी हिस्सा सोने का बना हुआ है.

स्वर्ण मंदिर को कई बार नष्ट किया जा चुका है.