दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा होती है.



गोवर्धन पर्वत को गिरिराज महाराज के नाम से भी जाना जाता है.



हम हमेशा सुनते आए हैं कि इंद्र के कोप भयंकर बारिश से



ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था.



​लेकिन ये बहुत कम लोग ही जानते है कि कृष्ण से पहले किसी महाबली ने इस पर्वत को उठाया था.



आइए जानते है कि कौन हैं वो वीरों के वीर महावीर.



पौरणिक मान्यताओं के मुताबिक, सबसे पहले त्रेता युग में



भगवान बजरंगबली गोवर्धन पर्वत को उठा चुके थे.



यह घटना रामायण काल से जुड़ी है.



जब भगवान राम मां सीता को लंका से लाने के लिए समुद्र पर



पुल बना रहे थे तो बहुत सारे पत्थरों की जरूरत पड़ी.



हनुमान जी हिमालय पर गए और एक पर्वत वहां से उठाकर समुद्र की ओर चल पड़े.



मार्ग में पता चला कि सेतु का निर्माण हो गया है तो हनुमान ने पर्वत को वहीं रख दिया.



पर्वत ने कहा कि मैं न तो राम के काम आया और न अपने स्थान पर रह सका.



तब हनुमान जी ने कहा कि द्वापर में जब भगवान राम श्री कृष्ण के रूप में अवतार लेंगे.



तो उस समय वह आपको अपनी उंगली पर उठाकर देवता के रूप में प्रतिष्ठित करेंगे.