जब पति की याद में रानी ने बनवाया था कुआं



यह कुआं असल में कहलाता है रानी की बावड़ी



गुजरात के पाटन में मौजूद है ये रानी की वाव



उल्टे मंदिर के रूप में बनाई गई है रानी की वाव



1063 में चालुक्य वंश की रानी उदयमती ने बनवाई थी ये वाव



रानी ने पति भीमदेव प्रथम की याद में बनवाई थी ये जगह



रानी के प्यार के प्रतीक के चलते रखा गया है ये नाम



गुजरात की सबसे पुरानी और बेहतरीन बावड़ियों में से एक



गुजरात में सरस्वती तट पर मौजूद है रानी की वाव



वर्ल्ड हैरिटेज साइट में शामिल है ये 900 साल पहले बनाई गई बावड़ी