भारत के सात पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक द्वारका धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है

गुजरात के सौराष्ट्र प्रायद्वीप के पश्चिमी सिरे पर स्थित, द्वारका चार प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक मानी जाती है

लेकिन क्या आप जानते हैं खोई हुई द्वारका नगरी के रहस्य के बारे में अगर नहीं तो आइए जान लेते हैं आज

महाभारत में इसे कृष्ण का प्राचीन राज्य कहा गया है

यह एक किलेबंद शहर था, जो लगभग 84 किमी तक फैला था यहां गोमती नदी और अरब सागर मिलते हैं

कृष्ण की मृत्यु के बाद इसे अरब सागर में डूबा माना जाता है इतिहासकार और पुरातत्वविद् इसके खोए हुए शहर के प्रमाण खोज रहे हैं

द्वारका पानी में क्यों डूब गई, इसका जिक्र श्रीमद्भागवतम में किया गया है यह शहर मगध के शासक जरासंध के हमलों से बचने के लिए बनाया गया था

भगवान कृष्ण ने पश्चिमी तट पर एक नया शहर स्थापित करने का निर्णय लिया महान वास्तुकार विश्वकर्मा ने इस योजना को वास्तविकता में बदला

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, जलमग्न द्वारका कुशस्थली के पास बनाई गई थी यह शहर जल्दी ही भगवान कृष्ण के मिशन का प्रमुख केंद्र बन गया.

यहां लगभग 900 महलों में हजारों लोग निवास करते थे शहर की चारदीवारी थी और वहां केवल जहाज से पहुंचा जा सकता था