3 अक्टूबर यानी आज से देशभर में नवरात्रि उत्सव की शुरुआत हो गई है

ऐसे में आज हम आपको अहमदाबाद के पुराने शहर में एक अनोखी परंपरा के बारे में बताने वाले हैं

साडू माता नी पोल में, 200 साल पुरानी रस्म हर साल नवरात्रि की आठवीं रात को होती है

बता दें, बरोट समुदाय के पुरुष साड़ी पहनकर गरबा करते हैं

जी हां, सुनकर हैरानी हो, लेकिन ये सच है बरोट समुदाय के पुरुष साड़ी पहनकर गरबा करते हैं, यह परंपरा तपस्या और भक्ति का प्रतीक है

यह अनुष्ठान नृत्य के साथ-साथ इतिहास और आस्था में डूबी एक गहरी परंपरा है

पुरुषों ने साडूबेन नाम की महिला के श्राप का प्रायश्चित करने के लिए महिलाओं की तरह कपड़े पहनते हैं

200 साल पहले, साडूबेन ने सुरक्षा मांगी थी जब एक मुगल शासक ने उसे मांग लिया था

दुख की बात है कि पुरुषों ने उसका बचाव नहीं किया, जिसके कारण उसका बच्चा मरा

साडूबेन ने उन पुरुषों को श्राप दिया कि उनकी आने वाली पीढ़ियां कायर रहेंगी

साडू माता की आत्मा को प्रसन्न करने के लिए एक मंदिर बनाया गया. हर साल, अष्टमी की रात को पुरुष साड़ी पहनते हैं