राजा हर्षवर्धन भारतीय इतिहास के प्रमुख शासकों में से एक हैं

वह एक कुशल सेनापति और शूरवीर योद्धा थे

16 साल की उम्र में हर्षवर्धन को राज्य को संभालने की जिम्मेदारी मिली

606 ई. में वह कन्नोज के सिंहासन पर बैठे

हर्ष ने प्रजा के हित में अनेक महान कार्य किए

हर्ष की नीति अहिंसावादी थी

उन्होंने अपने राज्य ने सब तरह के मांसाहार को निषेध कर दिया था

उन्होंने जीव हिंसा पर रोक लगा दी

जीव हिंसा पर कठोर दंड का प्रावधान भी था

उत्तर प्रदेश सरकार के पाठ्यक्रम में इसका जिक्र है