साइनोसाइटिस नामक बीमारी जिन्हें होती है उनमें अकसर बंद नाक सिर में भारीपन औऱ सांस लेने में तकलीफ होती है

यह श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्या है

सर्दी-जुकाम होने पर इन छिद्रों में कफ भर जाता है जिससे व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है

जिससे मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है

शरीर में खून के साथ ही ऑक्सीजन का प्रवाह भी सही तरीके से हो पाता है

पीठदर्द के साथ ही साइनस की वजह से होने वाले सिरदर्द को भी इस आसन के अभ्यास से दूर किया जा सकता है

साथ ही साथ ये आसन गले और सीने में भी खिंचाव पैदा करता है

उष्ट्रासन का अभ्यास नसल एयरवेज यानी वायु मार्ग में आई रुकावट को कम करने में मदद कर सकता है

भुजंगासन के रोजाना अभ्यास से फेफड़ों और श्वसन तंत्र के दूसरे अंगों का विस्तार होता है

इससे साइनस में बलगम जमने की समस्या कम होती है जो साइनस में एक बहुत बड़ी राहत है