हिमाचल प्रदेश के नामकरण का किस्सा काफी रोचक है



सोलन शहर के दरबार हॉल में हिमाचल प्रदेश का नामकरण हुआ था



28 जनवरी 1948 को दरबार हॉल में हिमाचल के निर्माण को लेकर बैठक हुई



बैठक में डॉ. यशवंत सिंह परमार और स्वतंत्रता सैनानी पदमदेव भी शामिल हुए



परमार उत्तराखंड के जौनसर-बाबर क्षेत्र का कुछ हिस्सा हिमाचल में मिलाना चाहते थे



लेकिन राजा दुर्गा सिंह इससे सहमत नहीं थे



परमार प्रदेश का नाम हिमालयन एस्टेट रखना चाहते थे



राजा दुर्गा सिंह को हिमाचल प्रदेश नाम पसंद था



विद्वान आचार्य दिवाकर दत्त शर्मा ने हिमाचल प्रदेश नाम सुझाया था



राजा दुर्गा सिंह ने नए गठित राज्य का नाम हिमाचल प्रदेश ही रखा