रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्तों के लिए एक खूबसूरत त्योहार है चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हूमायूं को राखी भेजी थीं चित्तौड़ की महरानी कर्णावती राणा सांगा की पत्नी थीं गुजरात का सुल्तान बहादुरशाह ने चित्तौड़ पर मार्च 1534 में हमला कर दिया उस वक्त चित्तौड़ के राजा थे महराणा विक्रमादित्य इस मुसिबत से बचने के लिए राजमाता कर्णावती ने मुगल बादशाह हूमायूं से मदद मांगी कर्णावती मुगल बादशाह हुमायूं को भाई मानते हुए राखी भेजकर सहायता का अनुरोध किया हुमायूं का पड़ाव उन दिनों ग्वालियर में था ऐसे में राखी उसके पास पहुंचने में देर हो गई राखी मिलते ही मुगल बादशाह अपनी फौज के साथ चित्तौड़ पहुंचा तब तक देर हो गई थी और वहां बहादुरशाह की जीत और रानी कर्णावती जौहर कर चुकी थी गुस्से से लाल हुमायूं ने गुजरात पर हमला कर बहादुशाह के सेनापती को बुरी तरह हरा दिया था