विदेश जाने का योग आपकी जन्म कुंडली में होता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ग्रह विदेश यात्रा कराने में सहायक है ये ग्रह कौन-कौन से हैं, जानते हैं शनि, चंद्रमा, शुक्र और राहु-केतु विदेश यात्रा के कारक माने गए हैं जन्म कुंडली का 12वां भाव विदेश यात्रा के बारे में बताता है कुंडली के 12वें भाव में चंद्रमा हो तो विदेश जाने की स्थिति बनती है राहु- केतु भी विदेश की यात्रा के कारक है सप्तम और बाहरवें भाव सम्बन्ध बनने पर विदेश में विवाह जैसी स्थितियां बनती है कुंडली के 5वें और 12वें का जब संबंध बनता है तो व्यक्ति शिक्षा के लिए विदेश जाता है जन्म कुंडली के 10वें और 12वें का संबंध बनने पर व्यक्ति विदेश से व्यापार करता है पाप ग्रह राहु और केतु अचानक विदेश यात्रा कराते हैं