जिस अंधेरे में हमारा एक हाथ दूसरे हाथ को न ढूंढ पाए उसमें मच्छर हमें कैसे ढूंढ लेते हैं

यह सवाल कभी न कभी आपके जेहन में जरूर आया होगा

तो चलिए जानते है अंधेरे में भी कैसे ढूंढ लेते हैं मच्छर हमें

मच्छरों की हम तक पहुंच के कारण भी खुद हम ही होते हैं

हमारी सांसों से निकलने वाली कार्बन-डाई-ऑक्साइड और हमारे शरीर की गंध इसके लिए जिम्मेदार है.

इसकी गंध से मच्छरों को हमारी जानकारी मिलती है और वो हमारा खून चूसने आ जाते हैं

हमारे शरीर में हुए पसीने में आने वाली गंध भी मच्छरों को हमारी तरफ खींचती है

जिसका नतीजा यह होता है कि हमें काटने के साथ ही हमारी नींद खराब करते हैं

मच्छरों से कई बीमारियां फैलाते हैं जैसे कि मलेरिया,डेंगू बुखार

इससे बचने के लिए घर की साफ-सफाई रखें और रुका हुआ पानी इकट्ठा न होने दें