पारसी धर्म में पृथ्वी, जल, अग्नि तत्व को बहुत पवित्र माना गया है शव को जलाने, पानी में बहाने या दफन करने से ये तीनों तत्व अशुद्ध हो जाते हैं इसलिए पारसी लोग अलग तरीके से शव का अंतिम संस्कार करते हैं इसके लिए टावर ऑफ साइलेंस का इस्तेमाल किया जाता है जिसे दोखमेनाशिनी या दखमा भी कहा जाता है यह एक खास गोलाकार जगह है जिसकी चोटी पर शवों को रख दिया जाता है शव को आसमान के हवाले कर दिया जाता है फिर गिद्ध उस शव का सेवन करते हैं इससे पृथ्वी, जल, अग्नि कुछ भी दूषित नहीं होता है इस तरह पारसी लोग शव को खुले में गिद्धों के लिए छोड़ देते हैं