आज कल खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ता है

जिस कारण इनफर्टिलिटी की समस्या से करोड़ों लोग जूझ रहे हैं

ऐसे लोगों की जिंदगी में आईवीएफ उम्मीद की किरण है

इसके जरिए शुक्राणु और अंडे को टेस्ट ट्यूब में मिलाकर शिशु के विकास की प्रक्रिया शुरू की जाती है

लेकिन कई महिलाएं ऐसी हैं जिनमें आईवीएफ भी फेल हो जाता है

आईवीएफ तभी सफल हो पाएगा जब कपल्स शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे

इसकी सफलता मुख्य रूप से एग और शुक्राणु की क्वालिटी पर निर्भर करती है

एक महिला कितनी बार आईवीएफ करवा सकती है यह पूरी तरह उसकी सेहत पर निर्भर करता है

आमतौर पर 3-4 बार आईवीएफ की कोशिश से कोई भी महिला मां बन सकती है

आईवीएफ असफल हो जाने पर अंडे या डोनर बदलने की सलाह दी जाती है.