मुगल काफिले बादशाहों की शान ओ शौकत के मुताबिक निकलते थे काफिले की भव्यता देखकर लोग दूर से ही पहचान जाते थे कि ये काफिल मुगलों का है मुगल जब अपने महल से निकलते थे तो काफी भव्य काफिले के साथ निकलते थे क्योंकि उनके दुश्मन भी बहुत थे सुरक्षा के लिए वह पूरी ताकत के साथ सफर करते थे एक इतिहासकार लिखते हैं कि दिसंबर 1662 में बादशाह औरंगजेब का काफिला निकला उसका काफिला दिल्ली से कश्मीर के लिए रवाना हुआ मनूची लिखते हैं कि काफिले में सबसे आगे 8 हजार सैनिक थे दाई बाई ओर घुड़सवार और सैनिक हुआ करते थे ऊंट चांदी के सिक्के लेकर चलते थे और इस काफिले में हाथी भी होते थे