बचपन में कई बार निबंध लिखा होगा कि आपके जीवन का लक्ष्य क्या है

बचपन में कई बार निबंध लिखा होगा कि आपके जीवन का लक्ष्य क्या है

लेकिन जब लक्ष्य तक पहुंचने की सीढ़िया चढ़ने का टाइम आता है तो बच्चे अकेले ये फैसला नहीं ले पाते

सही मायनों में बचपन से बच्चे कभी डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक या सीए बनने का सपना देखते हैं

लेकिन 10वीं कक्षा से पहले गंभीरता ने अपने भविष्य या अपने करियर को लेकर फैसला लेना होता है

यदि आप भी करियर चॉइस को लेकर कनफ्यूज हैं तो इन बातों का खास ध्यान रखें

ये पता करें कि आपको कि फील्ड में ज्यादा इंट्रस्ट है. हॉबी या स्वभाविक पसंद के हिसाब से भी करियर चुन सकते हैं

अकेले में बैठकर अपनी आकांक्षाओं का जानने की कोशिश करें. अपने पेरेंट्स से इस मामले में डिसकस करें

भविष्य के हिसाब से सोचें. उन करियर फील्ड्स पर फोकस करें, जिनकी आगे मांग रहने वाली है

इंटरनेट से हर काम आसान हो गया है. यदि कुछ अलग करना चाहते हैं को गूगल से पूछें

अपने टीचर्स से गाइडेंस लेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्योंकि पेरेंट्स के बाद वही आपको अच्छे से समझते हैं

यदि आप पढ़ाई को लेकर शुरुआत से ही एक्टिव हैं तो सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर सकते हैं

आप करियर असेसमेंट टेस्ट भी दे सकते हैं, जिसमें बच्चे का एटीट्यूड और एप्टीट्यूड की पहचान की जाती है

आप करियर असेसमेंट टेस्ट भी दे सकते हैं, जिसमें बच्चे का एटीट्यूड और एप्टीट्यूड की पहचान की जाती है