16वीं शताब्दी में मुगलों ने दिल्ली और आगरा से अपने राज्य का विस्तार शुरू किया

इन्होंने 17वीं शताब्दी में लगभग संपूर्ण महाद्वीप पर अधिकार प्राप्त कर लिया

मुगलों ने उन शासकों के विरुद्ध लगातार अभियान किए

जिन्होंने उनकी सत्ता को स्वीकार करने से इंकार कर दिया

जब मुगल शक्तिशाली हो गए तो अन्य कई शासकों ने उनकी सत्ता स्वीकार कर ली

एनसीईआरटी किताब के मुताबिक राजपूत भी मुगल के साथ आ गए

इसके साथ ही कइयों ने इसका विरोध भी किया

सिसोदिया राजपूत लंबे समय तक मुगलों की सत्ता को स्वीकार करने से इंकार करते रहे

परंतु जब वो हारे तो मुगलों ने उनके साथ सम्माननीय व्यवहार किया

मुगलों ने उनकी वतन जागीर के रूप में वापस कर दिए

हराने के बाद भी इज्जत देने के नीति के चलते  मुगल भारत के अनेक शासकों पर अपना प्रभाव बढ़ा पाए