हिंदू धर्म में नदियों को मां दर्जा प्राप्त है. भारत में गंगा, यमुना, कावेरी जैसी कई नदियां हैं, जिन्हें पवित्र माना जाता है.
इन नदियों की पूजा की जाती है और इनके जल को भी पवित्र माना जाता है.
लेकिन भारत में एक ऐसी नदी है, जिसका पानी छूने से भी लोग डरते हैं.
यह नदी शापित है. इसलिए शुभ कार्यों में लोग इस नदी के पानी को भूलकर भी नहीं छूते.
इस नदी का नाम है कर्मनाशा नदी, जोकि उत्तर प्रदेश और बिहार में बहती है.
एक ओर जहां नदी स्नान ने बुरे कर्म दूर होते हैं. एक ओर जहां नदी स्नान ने बुरे कर्म दूर होते हैं. वहीं इस नदी में स्नान करने से अच्छे कर्मों का नाश होता है.
इस नदी के जल का किसी भी तरह से प्रयोग नहीं किया जाता. शुभ काम में तो नदी के किनारे भी नहीं जाते.
पौराणिक कथा के अनुसार राजा सत्यव्रत जब आसमान में उल्टे लटके हुए थे तो उनके मुंह से लार टपकी, जिससे यह नदी बन गई.
गुरु वशिष्ठ ने राजा को चांडाल होने का श्राप दिया. इसलिए राजा के लार से बनी यह नदी भी श्रापित हो गई है.