मुगल बादशाह अकबर के औलाद की मन्नत अजमेर शरीफ की दरगाह पर मन्नत मांगने के बाद पूरी हो गई थी



लेखक पार्वती शर्मा ने अपनी किताब में बताया कि अकबर के दिल में औलाद न होने का गम था



अपनी इसी इच्छा के लिए उन्होंने अजमेर में मन्नत मांगी और कुछ समय बाद ही उनके घर में सलीम का जन्म हो गया



इससे पहले अकबर की दो औलादों की एक महीने में ही मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उन्हें कोई संतान नहीं हो रही थी



अकबर जब राजस्थान जा रहे थे तब उन्हें अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बारे में पता चला



ऐसा माना जाता था कि अजमेर शरीफ दरगाह पर हर मन्नत पूरी होती है इसलिए अकबर ने भी वहां जाकर मन्नत मांगी



अकबर ने कहा कि अगर उनको बेटा हुआ तो वह पैदल अजमेर आकर दरगाह पर सिर झुकाउंगा



इस दौरान अकबर शेख सलीम चिश्ती से भी मिले और उनसे पूछा कि उन्हें कितने बेटे होंगे



सलीम चिश्ती ने कहा कि उनके तीन बेटे होंगे और उनकी कही ये बात जल्दी ही पूरी भी हो गई



अकबर को बेटा हुआ, जिसका नाम सलीम रखा गया. बेटा होने के बाद अकबर ने अजमेर की दरगाह में खूब दान किया