औरंगजेब को एक क्रूर शासक के तौर पर जाना जाता है, जिसने गद्दी हासिल करने के लिए अपने परिवार का बुरा हश्र कर दिया था. क्या आप जानते हैं कि गद्दी के लिए उसके अपने बेटों के साथ क्या सुलूक किया.
फ्रेंच घुमंतू फ्रांस्वा बर्नियर ने अपनी किताब में लिखा कि औरंगजेब ने अपने सबसे बड़े बेटे मोहम्मद सुल्तान को ग्वालियर के किले में कैद करवाया दिया था और फिर साल 1676 में जहर देकर उसको मरवा दिया.
औरंगजेब के दूसरे बेटे मुअज्जम ने पिता के खिलाफ बगावत कर दी थी, लेकिन बाद में समझौता कर लिया. औरंगजेब ने उसे 20 साल की उम्र में गवर्नर बना दिया.
मोहम्मद आजम शाह जो औरंगजेब का तीसरा बेटा था. उसने गद्दी के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन औरंगजेब को उस पर भरोसा नहीं था.
औरंगजेब के चौथे बेटे मोहम्मद अकबर ने 1681 में बगावत की और मराठों से हाथ मिला लिया. बाद में वह ईरान भाग गया, जहां 1706 में उसकी मृत्यु हुई.
औरंगजेब नहीं चाहता था कि उसका सबसे छोटा बेटा काम बख्श बादशाह बने, फिर भी काम बख्श ने खुद को दक्षिण भारत का स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया.
इटेलियन यात्री निकोलाओ मानुची के अनुसार, औरंगजेब के बेटे आजम शाह और मुअज्जम में सत्ता संघर्ष हुआ, जिसमें हारने पर आजम शाह ने आत्महत्या कर ली.
मरने से पहले औरंगजेब ने मुअज्जम को अपना अगला वारिस बनाया.
औरंगजेब की मौत के बाद मुअज्जम ने अपने भाइयों को हराकर 19 जून, 1707 को गद्दी संभाली थी.