मुगल शासक औरंगजेब ने एक ऐसा काम किया था, जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो. बेटे को हिंदी सीखाने के लिए उसने हिंदी डिक्शनरी बनवाई थी



इतिहासकार ओम प्रकाश प्रसाद ने अपनी किताब 'औरंगजेब, एक नई दृष्टि' में इसका जिक्र किया है



औरंगजेब ने अपने तीसरे बेटे आजम शाह के लिए यह शब्दकोश तैयार करवाया था



ओम प्रकाश प्रसाद ने बताया कि औरंगजेब ने ये डिक्शनरी साल 1674 में मिर्जा खान बिन फखरूद्दीन मुहम्मद से तैयार करवाई थी, जिसका नाम 'तोहफतुल-हिन्द' था



यह एक हिंदी-फारसी डिक्शनरी थी, जिसे इस तरह तैयार किया गया था कि फारसी जानने वाला व्यक्ति हिंदी सीख सके



डिक्शनरी की कई कॉपी अभी भी कई लाइब्रेरियों में मौजूद हैं. पटना की फेमस खुदाबख्श लाइब्रेरी ने इस शब्दकोश को साल 2022 में प्रिंट कराया था



बीबीसी से बातचीत में खुदा बख्श लाइब्रेरी की डायरेक्टर शाइस्ता बेदार ने बताया कि इस डिक्शनरी में हर शब्द के बाद उसका उच्चारण और फिर उस शब्द का अर्थ फारसी भाषा में लिखा गया है



जैसे चिंता शब्द के आगे उच्चारण के बाद फारसी भाषा में इसका अर्थ फिक्र या अंदेशा लिखा गया है



इसमें बताया गया कि जर्द यानी पीले रंग के फूल की तुलना हिंदुस्तान में प्रेमिका की सुंदरता को बयान करने के लिए किया जाता है



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