किन तीन रस्मों को पूरा करके लड़की बनती थी तवायफ
आमतौर पर तवायफों को हम दो भागों में बांट सकते हैं
पहली तवायफें वो होती थीं, जो कि खानदानी हुआ करती थीं
खानदानी तवायफों से मतलब ये है कि उनकी मां भी यही काम करती थी
इसके अलावा दूसरी तवायफें वो थीं, जिन्हें अलग से इस काम में लाया गय़ा होगा
एक लड़की को तवायफ बनने के लिए तीन रस्मों से होकर गुजरना पड़ता था
पहली रस्म का नाम अंगिया था, जो कि लड़की का तवायफ बनने की तरफ पहला कदम था
दूसरी रस्म मिस्सी हुआ करती थी, तब सफेद दांतों को सुंदरता का प्रतीक माना जाता था
मिस्सी प्रथा में दांतों और मसूड़ों को काला किया जाता था
तीसरी रस्म का नाम नथ उतराई है, जिसे उत्सव की तरह मनाया जाता था
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