आज बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा है, लेकिन इसका इतिहास देखें तो बंटवारे से पहले तक यह स्वतंत्र देश था और 4 रियासतों मे बंटा था- कलात, खारान, लॉस बुला और मकरान



बंटवारे के दौरान कलात भारत में और बाकी तीनों रियासतें पाकिस्तान में शामिल होना चाहती थीं. फिर कैसे पूरा बलूचिस्तान पाकिस्तान के हिस्से में चला गया आइए जानते हैं



1870 तक बलूचिस्तान की रियासतें अंग्रजों के अधीन थीं और यहां खान सल्तनत का शासन था. साल 1946 में खान मीर अहमद ने कलात को अलग देश बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी



इस काम के लिए मीर अहमद ने अपने करीबी दोस्त पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मदद ली. जिन्ना ने भारत में कैबिनेट मिशन के दौरान कलात के अलग देश बनने के लिए पैरवी की



बहुत कोशिशों के बाद भी प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी. तब मीर अहमद खान खुद दिल्ली पहुंच गए



4 अगस्त 1947 को दिल्ली में फैसला हुआ कि कलात अब एक आजाद देश होगा, जबकि खारान और लॉस बुला को भी उसमें शामिल किया जाएगा



11 अगस्त 1947 को एक मेनिफेस्टो पर हस्ताक्षर हुए और भारत की आजादी के अगले ही दिन कलात ने खुद को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया



21 अगस्त, 1947 में खारान, लॉस बुला और मकरान रियासतों ने कलात के बजाए पाकिस्तान में शामिल होने की इच्छा जाहिर की, लेकिन जिन्ना ने मीर अहमद से दोस्ती के कारण इस मामले को यूं ही छोड़ दिया



जिन्ना ने 17 मार्च 1948 को खारान, लॉस बुला और मकरान को पाकिस्तान में शामिल कर लिया और कलात पर भी पाकिस्तान में शामिल होने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया



28 मार्च 1948 को पाकिस्तान ने कलात पर हमला बोल दिया और इसे अपने अधिकार क्षेत्र में शामिल कर लिया