जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार की स्थिति जितनी आंकड़ों में दिखाई जाती है, असल में उससे कहीं ज्यादा खराब है
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार से हैं. उन्होंने वहां पोलियो प्रोग्राम भी चलाया है, जिससे उन्हें वहां कि भौगोलिक परिस्थिति और लोगों की स्थितियों के बारे में जानकारी है
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार के 52 से 53 सौ गांवों में घूमे हैं. वहां की गरीबी बहुत भयावह है और उनको भी इतनी ज्यादा गरीबी का अंदाजा नहीं था
उन्होंने कहा कि शायद ही ऐसा कोई गांव होगा जहां के 40-50 फीसदी युवा पढ़ाई या मजदूरी के लिए बाहर नहीं गए होंगे
प्रशांत किशोर ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर कहा कि आंकड़ों में दिखता है कि बुजुर्गों को हर महीने 400 रुपया मिलता है
जब आप हकीकत देखेंगे तो आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि वह 400 रुपया में अपना जीवन चला कैसे रहे हैं
प्रशांत किशोर ने कहा कि 400 रुपया पाने के लिए लोग महीनों इंतजार करते हैं. 20 रुपया घूस देने के बाद लोगों को 380 रुपया महीना मिलता है
उन्होंने बताया कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय 32 हजार रुपये है, जबकि देश में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 35 हजार रुपये है
प्रशांत किशोर पटना और बेगुसराय जिले को हटाने के बाद बिहार की प्रति व्यक्ति आय केवल 24 हजार रुपये होती है
प्रशांत किशोर ने कहा कि उस 24 हजार रुपये वाली इनकम में गरीब अमीर सब शामिल हैं. 100 में से 80 फीसदी लोग भी एक दिन में 100 रुपये नहीं कमा पा रहे हैं