मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर शिवाजी के पुत्र संभाजी महाराज ने एक भविष्यवाणी की थी, जो बाद में सच साबित हुई
संभाजी महाराज ने औरंगजेब के चौथे बेटे शहजादे अकबर की बहन को एक खत लिखा था, जिसमें औरंगजेब को दिल्ली वापस लौट जाने को कहा गया
खत में आगे लिखते हुए संभाजी ने कहा कि हम और हमारे पिता ने एक बार बादशाह के कब्जे से छुटकर दिखा दिया है
अगर औरंगजेब अपनी जिद से पीछे नहीं हटे तो हमारे कब्जे से बचकर दिल्ली नहीं लौट पाएंगे
उन्होंने आगे लिखा कि बादशाह यही चाहते हैं तो उन्हें अपनी कब्र बनाने के लिए दक्कन में ही कोई जगह ढूंढ़ लेनी चाहिए
कुछ समय बाद साल 1687 में मुगलों और मराठों के बीच भयंकर लड़ाई हुई जिसमें मराठों को जीत मिली
मुगल अपनी हार के बाद संभाजी महाराज की जासूसी करने लगे और साल 1689 में उनपर हमला कर दिया गया
हमले के बाद संभाजी के सामने एक प्रस्ताव रखा गया कि वह सारे किले मुगलों को सौंपकर इस्लाम कुबूल कर लें, जिससे संभाजी ने साफ इनकार कर दिया
यूरोपियन इतिहासकार डेनिस किंकैर के अनुसार, इनकार के बाद उन्हें मारा गया और बार-बार इस्लाम कबूल करने के लिए पूछा गया. तब भी संभाजी का जवाब ना था. इसके लिए उनकी जुबान खींच ली गई और तड़पाकर मार डाला
संभाजी की मौत के बाद सारे बिखरे मराठा एक होकर लड़ने लगे और औरंगजेब को दक्कन में ही दफना दिया गया. इस तरह संभाजी की भविष्यवाणी सच साबित हुई