दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतों में शामिल लाल किले में आज भी जन्नत की नदी बहती है



इस नदी का नाम नहर-ए-बहिश्त है. इससे पूरे शाही किले में पानी बहता था



यह नदी लाल किले की सुंदरता में चार-चांद लगाती है. 2021 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ने नहर-ए-बहिश्त का मुगल शैली में संरक्षण किया था



1638 से 1648 के बीच पांचवें मुगल शासक शाहजहां ने लाल किले का निर्माण करवाया था. अहमद लाहौरी को लाल किले का आर्किटेक्ट बताया जाता है



अहमद लाहौरी ने इसका डिजाइन और नक्शा तैयार किया था. आगरा के ताजमहल का डिजाइन भी उन्होंने ही बनाया था



लाल किले में पारसी, तिमिरुद (तैमूर स्टाइल) और हिंदू शिल्प कला का मिश्रण दिखाई देता है



अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को ने 2007 में लाल किले को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर नामित किया था



किला तीन तरफ से यमुना नदी से घिरा है, जिससे दुश्मनों के लिए किले पर हमला करना मुश्किल था. निर्माण के समय इसका भी ख्याल रखा गया



यमुना नदी से घिरे होने के कारण शाही किले में रहने वालों को पानी की भी समस्या नहीं होती थी



लाल किले की दीवारों को लाल रंग के बलुआ पत्थर और सफेद रंग के संगमरमर से बनाया गया है