मोनाश यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी एंड्रयू टॉमकिन्स ने बताया कि पृथ्वी के पास भी शनि ग्रह की तरह छल्ले हुआ करते थे
अर्थ एंड प्लैनेटरी साइंस लेटर्स में उनका यह शोध प्रकाशित हुआ है. इस रिसर्च के मुताबिक, 46.6 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर एस्टेरॉयड से बना एक रिंग सिस्टम हुआ करता था
उन्होंने बताया कि वह रिंग सिस्टम पृथ्वी से बहुत सारे उल्कापिंड के टकराने की वजह से बना होगा
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि जो छल्ले पृथ्वी पर घूमा करते थे. वह धीरे-धीरे पृथ्वी पर गिरने लगे जिसकी वजह से सारे छल्ले गायब हो गए
वैज्ञानिकों ने कहा कि रिसर्च के दौरान यूरोप, रूस और चीन में चूना पत्थर का भंडार मिला. उस भंडार में ज्यादातर उल्कापिंड का मलबा मौजूद था
पृथ्वी के छल्लों में उल्कापिंड के जो टुकड़े मौजूद थे, वह जहां-जहां गिरे उस जगह बहुत बड़े गढ्ढे बन गए हैं. वह सभी गढ्ढे महाद्वीपों पर हैं
वैज्ञानिकों ने बताया कि छोटे पिंड के बड़े पिंड से टकराने की वजह से छल्ले बनते हैं
वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब कोई छोटा पिंड बड़े पिंड के पास से गुजरता है तो वह ग्रह की ग्रेविटी की वजह से उसके पास खींचा चला जाता है
ग्रह के ज्यादा करीब आ जाने की वजह से उल्कापिंड छोटे-बड़े टुकड़ों में टूट जाता है, जिस वजह से सारे पिंड ग्रह के चारों ओर घूमने लगते है और छल्ले का रूप ले लेते हैं