ईद-ए-मिलाद पर जश्न मनाना सही है या नहीं?

Published by: एबीपी लाइव डेस्क
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पाकिस्तान के मुफ्ती तारिक मसूद ने कहा कि ईद-ए-मिलाद पर जश्न मनाना जायज नहीं है

इस्लाम में ईद-ए-मिलाद का पर्व पैगंबर मोहम्मद यानी अंतिम नबी के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. ईद-ए-मिलाद को ईद मिलाद-उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है

मुफ्ती तारिक मसूद ने यह बात उन लोगों के लिए कही है जो लोग ईद-ए-मिलाद को केक काटकर या जश्न के साथ मनाते हैं

मुफ्ती तारिक मसूद का कहना है कि जन्मदिन मनाने का कॉनसेप्ट अंग्रेजों का है

मुफ्ती तारिक ने यह भी कहा कि इस्लाम में बर्थ डे मनाने का कोई रिवाज नहीं है

यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12 तारीख को आता है

इस्लाम धर्म के लोग इस पर्व के दिन मस्जिद जाकर पैगंबर मोहम्मद और उनकी शिक्षाओं को याद करते हैं

मस्जिद में मुसलमान पैगंबर मोहम्मद के संदेशों और मानवता के लिए दिए गए योगदान को भी याद करते हैं

इन सब के अलावा मुसलमान इस दिन समाज सेवा के लिए आगे बढ़ते हैं. वह गरीबों और जरूरतमंदों की भी मदद करते हैं