भारत में कई नदियां हैं, जिसमें हीरे मोती और सोना पाए जाते हैं, लेकिन एक नदी ऐसी भी है, जिसमें से बेशकीमती पत्थर निकलते हैं.
इस नहीं से निकलने वाले पत्थरों की कीमत सोना, चांदी, हीरे-मोती से कई ज्यादा होती है.
ये नदी भारत के फेमस टूरिस्ट प्लेस में आती है. इसके पत्थर तो रानी विक्टोरिया को भी भा गए थे.
बात हो रही है उत्तर प्रदेश की. यहां पर कई धार्मिक स्थल है, जहां पर देश-विदेश से टूरिस्ट आते हैं. यहां पर ताजमहल भी मौजूद है.
यहां पर वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं. पूरी दुनिया में इन जगहों के घाट फेमस हैं.
यहां पाई जाने वाली नदी का नाम है ‘केन नदी’. यह भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रमुख नदियों में से एक है. इसकी लंबाई 427 किमी है.
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों से होकर बहने वाली केन नदी यमुना की उपनदी है.
कहा जाता है कि इन नदी में शजर स्टोन (Shazar Stone) नाम के पत्थर मिलते हैं, जो आम डिजाइन वाले पत्थरों से बहुत अलग और कीमती होते हैं.
इस पत्थरों पर देखने में बेहद खूबसूरत होते हैं और इनपर अनोखी नक्काशी भी होती है, जो पूरे वर्ल्ड में फेमस हैं. हर पत्थर में अलग नक्काशी होती है. इसके साथ ही रंगीन चित्रकारी भी होती है.
अरब देशों में इन पत्थरों को 'हकीक' और भारत में 'स्फटिक' कहा जाता है. पूर्व अरब से आए लोगों ने केन नहीं में इन पत्थरों की खोज की थी.
अरब लोगों ने 400 साल पहले की थी केन नदी में इन खूबसूरत पत्थरों की खोज. रानी विक्टोरिया को पत्थर इतना पसंद आया कि वह इनको अपने साथ ब्रिटेन भी ले गई थीं.
केन नदी का नाम कर्णावती था. समय के साथ इसका नाम किनिया फिर कन्या और अब इसे केन कहा जाता है.
लोकल लोग कहते हैं कि इन पत्थरों पर सुंदर आकृतियां चांदनी रात में पड़ने वाली किरणों के कारण उभरती है.