ओडिशा में सरकार बनते ही बीजेपी सरकार ने जगन्नाथ धाम के चारों द्वार खुलवा दिए. आइए जानते है जगन्नाथ मंदिर के ये चार द्वार कौन से हैं और इनके महत्व से जुड़ी कहानी क्या है



जगन्नाथ मंदिर के बाहरी दीवार पर पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी चार द्वार हैं



जगन्नाथ मंदिर के पहले द्वार का नाम सिंहद्वार (शेर का द्वार) है. ये मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार है और इस द्वार पर झुकी हुई मुद्रा में दो शेरों की प्रतिमाएं हैं



सिंहद्वार के बारे में माना जाता है कि इस द्वार से मंदिर में प्रवेश करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है



मंदिर के दूसरे द्वार का नाम व्याघ्र द्वार है.जगन्नाथ मंदिर के इस प्रवेश द्वार पर बाघ की प्रतिमा मौजूद है



मंदिर का यह द्वार धर्म का पालन करने की शिक्षा देता है. सभी भक्त और संत इसी द्वार से मंदिर में प्रवेश करते हैं



मंदिर के तीसरे द्वार का नाम हस्ति द्वार (हाथी का द्वार) है. मंदिर के इस द्वार के दोनों तरफ हाथियों की प्रतिमाएं लगी हैं



मंदिर के इस द्वार के बारे में कहा जाता है कि ये द्वार ऋषियों के प्रवेश के लिए बना था



मंदिर के चौथे और अंतिम द्वारा का नाम अश्व द्वार (घोड़े का द्वार) है. मंदिर के इस द्वार के दोनों तरफ घोड़ों की मूर्तियां लगी हुई हैं



इन मूर्तियों की खास बात यह है कि घोड़ों की पीठ पर भगवान जगन्नाथ और बालभद्र युद्ध की महिमा में सवार हैं