गढ़वाल साम्राज्य के राजा पृथ्वीपति शाह ने मुगल शासक औरंगजेब को धमकी दी थी कि जो 'नाक काट सकते हैं वो सिर भी कलम कर सकते हैं'
मुंतखब-अल-लुबाब नाम के मुगल इतिहास दस्तावेज के मुताबिक साल 1658 में औरंगजेब ने युद्ध में दारा शिकोह की हत्या कर दी और उसके बड़े बेटे सुलेमान शिकोह को मारने के लिए निकल पड़ा
सुलेमान शिकोह अपनी जान बचाते हुए गढ़वाल राज्य जा पहुंचे. गढ़वाल राज्य में तब पृथ्वीपति शाह का राज हुआ करता था. इस गढ़वाल राज्य को आज हम उत्तराखंड के तौर पर जानते हैं
औरंगजेब को सुलेमान शिकोह के गढ़वाल में शरण लेने की जानकारी मिलते ही उसने गढ़वाल राज्य में संदेश भेज कहा कि सुलेमान शिकोह को उसके हवाले कर दिया जाए वरना युद्ध निश्चित है
इसके जवाब में राजा पृथ्वी शाह ने मुगल शासक औरंगजेब को धमकी दी थी कि जो 'नाक काट सकते हैं वो सिर भी कलम कर सकते हैं'
पृथ्वीपति शाह के पिता महिपति शाह गढ़वाल के राजा थे. उनकी मृत्यु के बाद सात साल के पृथ्वीपति शाह को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया, लेकिन सारा कार्यभार उनकी मां रानी कर्णावती संभालती थीं
एक इतावली यात्री के मुताबिक मुगल बादशाह शाहजहां की नजर काफी समय से गढ़वाल राज्य पर थी. महीपति शाह की मौत की खबर मिलते ही उसकी सेना ने गढ़वाल की राजधानी श्रीनगर की ओर कूच कर दिया
मुगल सेना को लीड कर रहे नजाबत खां ने गढ़वाल की सीमा पर पहुंचते ही रानी को सेना के सामने झुकने या युद्ध के लिए तैयार रहने का संदेश भेजा. रानी ने झुकने से इनकार कर दिया
मुगलों के लिए पहाड़ों पर और ऊपर चढ़ना मुश्किल होता जा रहा था और गढ़वाल सैनिकों ने सीमा से बाहर निकलने के सारे रास्ते बंद कर दिए. ऐसे में मुगल सेना फंस चुकी थी. तब मुगल सेना ने रानी को शांति प्रस्ताव भेजा
रानी ने इसके जवाब में कहा कि मुगल सेना वापस लौट सकती है, लेकिन एक शर्त पर कि सेना को अपनी नाक काट कर देनी होगी. मासीर-अल-उमरा नाम की किताब में रानी कर्णावती को दुश्मनों की नाक काटने वाली रानी कहा गया है