न वीजा, न पासपोर्ट सिर्फ एक दरवाजा पहुंचा देगा बांग्लादेश, जानें कैसे?
Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
Image Source: PEXELS
भारत और बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित है एक ऐसा घर, जिसके आगे का दरवाजा भारत में और पीछे का दरवाजा बांग्लादेश की ओर खुलता है
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यह घर पश्चिम बंगाल में दिनाजपुरा जिले के हरिपुकुर गांव में है, जो दोनों देशों की सीमा पर बसा है.
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इस गांव में सभी घरों का अधिकतर भाग भारत में आता है और घर का पीछे का हिस्सा बांग्लादेश में है.
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टेलीग्राफ के अनुसार इस गांव के 70 हजार घर भारत और बांग्लादेश की बीच माने जाने वाली जीरो लाइन बॉर्डर पर बनें हैं.
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भारत और बांग्लादेश के बीच खींची गई ये अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा कई घरों के बीच से होकर गुजरती है. इस कारण इनका एक दरवाजा भारत में और दूसरा बांग्लादेश में खुलता है.
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रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश की कुल 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा में से 2,216 किलोमीटर की सीमा भारत में पश्चिम बंगाल से जुड़ी है.
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ये सीमा पश्चिम बंगाल के उत्तर 24-परगना, दक्षिण 24-परगना, मुर्शिदाबाद, नादिया, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग से जुडी हुई है
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रिपोर्ट में बताया गया कि इस सीमा पर लगभग 70,000 से अधिक लोग दोनों देशों के बीच रहते हैं. जहां दक्षिण दिनाजपुर में लगभग 11,000 लोग परिवारों के साथ सीमा पर रहते हैं.
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भारत और बांग्लादेश के बीच इस गांव से होकर गुजरने वाली जीरो लाइन पर अक्सर दोनों देशों की सेना के जवान पहरा देते हुए चक्कर लगाने आते हैं.
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गांव में जब भी कोई बीमार होता है तो इलाज के लिए लोगों को इन दोनों में से किसी भी देश में जाने के लिए जवानों की आज्ञा लेनी पड़ती है.