अगली जनगणना में किस समुदाय की आबादी बढ़ेगी और किसकी घटेगी, इसे लेकर कई एक्सपर्ट्स अपने विश्लेषण के हिसाब से आंकड़े पेश कर चुके हैं



अगली जनगणना में हिंदुओं और मुसलमानों में से किसकी पॅापुलेशन में ज्यादा ग्रोथ देखी जा सकती है, इसे लेकर एक और एक्सपर्ट ने डेटा पेश किया है



साल 2011 में हुई आखिरी जनगणना में हिंदुओं की 66.2 करोड़, मुसलमानों की 17.22 करोड़, ईसाइयों की 2.78 करोड़ और सिखों की 2.08 करोड़ आबादी दर्ज की गई



परिवार कल्याण की समीक्षा करने वाली राष्ट्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कोठारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि अगली जनगणना में मुस्लिमों की पॉपुलेशन घटेगी और हिंदुओं का बढ़ेगी



देवेंद्र कोठारी का कहना है कि अगली जनगणना में हिंदुओं की ग्रोथ में 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी सकती है



उनका कहना है कि 2011 की जनगणना के हिसाब से देश की कुल आबादी का 79.8 फीसदी हिस्सा हिंदू हैं और अगली जनगणना में यह आंकड़ा बढ़कर 80.3 फीसदी तक पहुंच सकता है



देवेंद्र कोठारी का कहना है कि भारत में मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं से ज्यादा होना बहुत मुश्किल है



देवेंद्र कोठारी ने तर्क दिया कि देश में हिंदुओं और मुस्लिमों की आबादी का अंतर इतना ज्यादा है कि एक ही स्थिति में मुस्लिमों की संख्या हिंदुओं से ज्यादा हो सकती है



उनका कहना है कि अगर हिंदू बच्चे पैदा ही न करें और मुस्लिम करते रहें तो भी 2170 तक मुस्लिमों की संख्या हिंदुओं से ज्यादा नहीं हो सकती. अगर इसके बाद भी ऐसा रहता है तो हो सकता है कि मुस्लिम बहुसंख्यक हो जाएं



देवेंद्र कोठारी ने कहा कि ये सब बिल्कुल मुमकिन नहीं है क्योंकि हिंदू बच्चे ही पैदा न करें ऐसा हो नहीं हो सकता इसलिए ऐसे दावे कि मुस्लिम देश में मैजोरिटी हो सकते हैं, ये गलत है