दुनियाभर के ईसाइयों की 2.3 फीसदी आबादी भारत में रहती है. यहां इनकी जनसंख्या करीब 3 करोड़ है
आइए जानते हैं कि ईसाई धर्म भारत में कैसे आया
भारत में ईसाई धर्म को लाने वाले इसा मसीह के शिष्य सेंट थॉमस थे
सेंट थॉमस ने 'द एक्ट आफ थॉमस' किताब में इसका जिक्र किया है कि कैसे वो भारत में ईसाइयत लेकर आए
किताब के अनुसार तो ईसाई धर्म को थॉमस ही भारत लेके आए थे, लेकिन इसे लेकर कुछ भी सटीक नहीं कहा जा सकता क्योंकि किताब के कुछ पन्ने नष्ट हो चुके हैं
कुछ ईसाई इस पर बहुत विश्वास करते हैं और उनका मानना है कि सेंट थॉमस जब भारत आए तो सबसे पहले राजा गोंडोफर्नेस के दरबार में गए
यहां से सेंट थॉमस मालाबार कोस्ट तक गए, जो केरल में आता है. यहां पर सेंट थॉमस ने ईसाइयत का प्रचार किया और कुछ लोगों ईसाई धर्म में दीक्षित भी किया
इस गुट को सेंट थॉमस क्रिश्चन या सीरियन क्रिश्चन के तौर पर जाना जाने लगा और मौजूदा समय में भी इस गुट के लोग केरल में हैं
ये माना जाता है कि सेंट थामस की मृत्यु भी भारत में हुई थी और उन्हें चेन्नई में दफनाया गया, जहां पर अब सेंट थॉमस चर्च है
भारत में ईसाई धर्म से जुड़ी जो कहानियां प्रचलित हैं, वो एक्ट थॉमस से ही ली गई हैं और कई इतिहासकारों का भी यही मानना है कि दूसरी शताब्दी के आस-पास दक्षिण इलाकों में ईसाइयों की अच्छी-खासी संख्या हो गई थी