चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो, भारत में ज्यादातर लोग अपने बच्चों की शादी दूसरे धर्म में करवाने से कतराते हैं



आइए जानते हैं कि इस मामले में मुसलमानों की क्या राय है



प्यू रिसर्च के मुताबिक, भारत के करीब 80 फीसदी मुसलमान ऐसे हैं, जो अपनी बेटियों की शादी हिंदू या अलग धर्म के लड़के से नहीं करना चाहते हैं



76 फीसदी ऐसे मुसलमान हैं, जिनका मानना है कि मुस्लिम लड़कों को हिंदू या अलग धर्म की लड़कियों से शादी करने से रोका जाना चाहिए



हिंदुओं की बात करें तो, 67 फीसदी लोग मानते हैं कि हिंदू लड़कियों को दूसरे धर्म में शादी नहीं करनी चाहिए



हिंदुओं का 65 फीसदी हिस्सा अपने लड़कों की शादी अलग धर्म की लड़कियों से नहीं होने देना चाहते है



35 फीसदी ईसाइयों का कहना है कि लड़कियों और लड़कों को अपने से अलग धर्म में शादी करने से रोकना चाहिए



59 फीसदी सिखों को लगता है कि महिलाओं को दूसरे धर्म में शादी करने से रोकना जरूरी है. वहीं 58 फीसदी सिखों का कहना है कि पुरुषों को भी अलग धर्म में शादी नहीं करनी चाहिए



46 फीसदी बौद्ध और 66 फीसदी जैन धर्म के लोगों का मानना है कि महिलाओं को अपने से अलग धर्म में विवाह करने से रोकना जरूरी है



पुरुषों को दूसरे धर्म में शादी करने से रोकने वाले बौद्ध धर्म के 44 फीसदी और जैन के 59 फीसदी लोग हैं