अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल राज किया. वह भारत से कितनी दौलत लूटकर ले गए इस बारे में इतिहासकारों ने कुछ अनुमान लगाए हैं
अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ मेहनाज मोचन के मुताबिक, साल 1757 से 1947 के बीच अंग्रेज भारत से लगभग 80 हजार खरब लूटकर ले गए
उत्सा पटनायक एक इतिहासकार के अनुसार, ये आंकड़ा 100 गुना ज्यादा तक हो सकता था. उनके मुताबिक, अंग्रेज भारत से लगभग 45 ट्रिलियन डॉलर दौलत लूटकर ले गए
17वीं शताब्दी में ब्रिटिश सम्राट के राजदूत थॉमस रो भारत आए. उस समय भारत में मुगल बादशाह जहांगीर का शासन था
थॉमस रो ने अपने लेख में भारत की दौलत और यहां के राजस्व का जिक्र किया है. यहां की दौलत देखकर उन्होंने कोशिश की इसका कुछ हिस्सा ब्रिटिश साम्राज्य पहुंचाया जाए
इसके बाद थॉमस ने जहांगीर के सामने ईस्ट इंडिया कंपनी खोलने का प्रस्ताव रखा, जिसे ठुकरा दिया, लेकिन उनके बेटे शाहजहां ने सूरत में फैक्ट्री खोलने की मंजूरी दे दी
भारत में कंपनी खोलने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी को कुछ टैक्स देना होता था. समय के साथ कंपनी का भारत में अलग-अलग जगहों पर विस्तार तो हुआ, लेकिन टैक्स वही रहा
कंपनी में स्थानीय लोगों से काम कराया जाता था. यहां का कच्चा माल जैसे हीरे, रेशम, खनिज और कपास जैसी बहुत सी चीजें लंदन भेजी जाती थीं, जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता था
चाइल्ड्स वॉर, प्लासी का युद्ध, मैसूर पर कब्जा, मराठाओं की हार और फिर सिख साम्राज्य पर कब्जे के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में पूरी तरह छा गई
1857 की क्रांति के बाद साल 1874 में ईस्ट इंडिया कंपनी का अस्तित्व भारत में खत्म हो गया