भारत में साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल आबादी का 79.8 फीसदी हिंदू, 14.23 फीसदी मुस्लिम, 2.3 फीसदी ईसाई और 1.7 फीसदी सिखों की जनसंख्या है



2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से नहीं हो सकी. कई रिपोर्ट्स में हिंदू और मुस्लिमों की आबादी को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं



परिवार कल्याण की समीक्षा करने वाली राष्ट्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कोठारी ने भी मुस्लिम आबादी को लेकर एक दावा किया है



देवेंद्र कोठारी ने कहा कि अगर हिंदू बच्चे पैदा न करें और सिर्फ मुस्लिम ही बच्चे पैदा करते रहें तो भी 2170 तक मुस्लिम भारत में बहुसंख्यक नहीं हो सकेंगे



इस बीच प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को दिए एक इंटरव्यू में देवेंद्र कोठारी ने कहा कि मुसलमानों की जनसंख्या साल 2170 से पहले मैजोरिटी की ओर नहीं बढ़ सकेगी



देवेंद्र कोठारी ने आगे कहा कि अगर 2170 के बाद भी हिंदू बिलकुल बच्चे पैदा न करें और मुस्लिम करते रहें तभी मुसलमान देश में बहुसंख्यक हो सकते हैं



देवेंद्र कोठारी ने कहा कि ऐसा मुमकिन नहीं है कि हिंदू बच्चे पैदा न करें इसलिए ऐसा दावा करना कि मुस्लिम भारत में एकदिन बहुसंख्यक हो सकते हैं, ये गलत है



भारत में 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे स्थागित कर दिया गया



एक्सपर्ट के मुताबिक, अगली जनगणना में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर में कमी नजर आएगी



एक्सपर्ट का मानना है कि साल 2011 की जनगणना में कुल आबादी का 79.8 फीसदी हिस्सा हिंदुओं का था और अगली जनगणना में यह आंकड़ा बढ़कर 80.3 फीसदी तक पहुंच जाएगा