अब इसमें बदलाव हुआ है और ये लोग कनाडा की जगह जर्मनी की तरफ रुख कर रहे हैं. कुछ सालों में जर्मनी जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है
छात्रों ने जर्मनी जाने के पीछे की वजह शिक्षा के लिए ज्यादा बेहतर माहौल, रहने के लिए कम खर्च और करियर स्टेबिलिटी बताई है
एजुकेशन कंसल्टेंट्स भी अब कनाडा से ज्यादा जर्मनी पर फोकस कर रहे हैं
जर्मनी में सार्वजनिक यूनिवर्सिटी में छात्रों को फ्री शिक्षा दी जाती है, जिसकी वजह से छात्रों पर ट्यूशन फीस का बोझ नहीं पड़ता है
जर्मनी जाने का एक फायदा यह भी है कि वहां पढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा परीक्षण प्रणाली (IELTS) सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या लगभग 3 लाख 40 हजार थी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय जर्मनी की यूनिवर्सिटी और कॅालेज में करीब 43 हजार भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं
जो छात्र इंजीनियरिंग, कानून, मैनेजमेंट और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई करना चाहते हैं वह जर्मनी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं
कनाडा ने विदेशी छात्रों के लिए वीजा पर दो साल की समय सीमा कर दी है. साथ ही वीजा परमिट में 35 फीसदी की कटौती भी की है