रमजान का महीना आने वाला है, लेकिन पिछले साल हमास और इजरायल की बीच शुरू हुई जंग अब भी जारी है



इस्लाम में रमजान को बेहद पवित्र और अमन का महीना माना जाता है. इस बीच हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग को लेकर सीजफायर की बातें चल रही हैं.



रमजान में जंग लड़ सकते हैं या नहीं? इस पर इस्लाम के जानकारों ने अलग बातें कहीं हैं. आइए जानते हैं



जमात-ए-इस्लामी से जुड़े रजी-उल-इस्लाम का कहना है कि यदि आपके ऊपर हमला होता है तो सेल्फ-डिफेंस में आप भी किसी भी महीने में जंग लड़ सकते हैं



दारुल उलूम नदवतुल उलमा के स्कॅालर अदनान चौधरी का कहना है कि कुछ लोग रमजान में जंग के लिए मना इसलिए करते हैं क्योंकि इसे अमन का महीना माना जाता है



अदनान चौधरी ने ये भी कहा है कि इस्लामी तारीख की कई अहम जंग जैसे जंग-ए-खंदक, जंग-ए-तबूक, जंग-ए-बद्र रमजान के महीने में ही लड़ी गई थीं



रजी-उल-इस्लाम कहते हैं कि चार इस्लामिक महीनों- रजब, धू अल-हिज्जा, अल-कायदा और मुहर्रम, में जंग को लेकर मना किया गया है, लेकिन इसमें कहीं भी रमजान शामिल नहीं है



साल 1973 में रमजान के महीने में ही इजरायल के खिलाफ मिस्र और सीरिया ने जंग का ऐलान किया था



इराक और ईरान के बीच 8 वर्षों तक चला लंबा संघर्ष भी रमजान के महीने पर नहीं थमा था



इस्लामिक इतिहासकारों के मुताबिक, ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि रमजान में जंग नहीं लड़ी जा सकती है