वैज्ञानिकों ने क्यों लॉन्च किया अर्टिफिशियल सूर्यग्रहण वाला सैटेलाइट?
Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर दो सैचेलाइट लॉन्च किए हैं, जिनसे कभी भी सूर्यग्रहण क्रिएट किया जा सकता है.
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इस मिशन का नाम प्रोबा-3 रखा गया है, जिसे इसरो के सी-59 पीएसएलवी रॉकेट के जरिये लॉन्च किया गया है.
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वैज्ञानिकों ने सूर्यग्रहण के वक्त निकलने वाली रहस्यमयी रेज के बारे में और ज्यादा जानने के लिए की यह मिशन लॉन्च किया है. लॉन्च के जरिए दो सैटेलाइट्स को स्पेस की अलग-अलग ऑर्बिट में भेजा गया
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स्पेस में इन दो सैटेलाइट्स को ऐसी स्थिति में रखा गया है, जिससे आर्टिफिशियल सूर्यग्रहण बनाया जा सकेगा.
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वैज्ञानिकों ने बताया कि इस मिशन के जरिए सूर्यग्रहण जैसी परिस्थिति पैदा की जा सकेगी, जिसकी अवधि 6 घंटे तक हो सकती है.
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दोनों सैटेलाइट्स में से एक पर सोने की डिस्क लगी है, जो सूरज और दूसरी सैटेलाइट के बीच आकर स्पेस में आर्टिफिशियल सूर्यग्रहण बनाएगी.
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पहले वैज्ञानिकों को सूर्यग्रहण का अध्ययन करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था.
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मिशन के सफल होने के बाद वैज्ञानिक स्पेस में आने वाले सौर तूफान, सोलर फ्लेयर और चुंबकीय तरंगों के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे.
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यह मिशन सूर्यग्रहण के समय आसमान में आग की अंगूठी जैसी बनने वाली छवियों के बारे में भी जानकारी हासिल करने का मौका देगा