वैज्ञानिकों ने क्यों लॉन्च किया अर्टिफिशियल सूर्यग्रहण वाला सैटेलाइट?

Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
Image Source: PEXELS

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर दो सैचेलाइट लॉन्च किए हैं, जिनसे कभी भी सूर्यग्रहण क्रिएट किया जा सकता है.

Image Source: PIXABAY

इस मिशन का नाम प्रोबा-3 रखा गया है, जिसे इसरो के सी-59 पीएसएलवी रॉकेट के जरिये लॉन्च किया गया है.

Image Source: X/ISRO

वैज्ञानिकों ने सूर्यग्रहण के वक्त निकलने वाली रहस्यमयी रेज के बारे में और ज्यादा जानने के लिए की यह मिशन लॉन्च किया है. लॉन्च के जरिए दो सैटेलाइट्स को स्पेस की अलग-अलग ऑर्बिट में भेजा गया

Image Source: PEXELS

स्पेस में इन दो सैटेलाइट्स को ऐसी स्थिति में रखा गया है, जिससे आर्टिफिशियल सूर्यग्रहण बनाया जा सकेगा.

Image Source: PIXABAY

वैज्ञानिकों ने बताया कि इस मिशन के जरिए सूर्यग्रहण जैसी परिस्थिति पैदा की जा सकेगी, जिसकी अवधि 6 घंटे तक हो सकती है.

Image Source: PEXELS

दोनों सैटेलाइट्स में से एक पर सोने की डिस्क लगी है, जो सूरज और दूसरी सैटेलाइट के बीच आकर स्पेस में आर्टिफिशियल सूर्यग्रहण बनाएगी.

Image Source: PIXABAY

पहले वैज्ञानिकों को सूर्यग्रहण का अध्ययन करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था.

Image Source: PEXELS

मिशन के सफल होने के बाद वैज्ञानिक स्पेस में आने वाले सौर तूफान, सोलर फ्लेयर और चुंबकीय तरंगों के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे.

Image Source: PIXABAY

यह मिशन सूर्यग्रहण के समय आसमान में आग की अंगूठी जैसी बनने वाली छवियों के बारे में भी जानकारी हासिल करने का मौका देगा

Image Source: PIXABAY