उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां की ऐतिहासिक इमारतें खूब मशहूर हैं.



उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतें ही नहीं, उनसे भी ज्यादा खूबसूरत इन इमारतों के अंदर की नक्काशियां है.



बात हो रही है नवाबों के शहर लखनऊ की, जिसके पास ही स्थित है जुमा मस्जिद. यह पूरी दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में गिनी जाती है,



वैसे तो उत्तर प्रदेश में खैराबाद, फैजाबाद, अयोध्या, लखनऊ के आस पास कई ऐसी खूबसूरत इमारतें हैं, लेकिन जुमा मस्जिद की बात कुछ और ही है.



लखनऊ की जुमा मस्जिद हरदोई रोड पर स्थित तहसीन गंज में है, जिसकी सुंदरता देख हर कोई हैरान रह जाता है.



जुमा मस्जिद की खूबसूरती तो इसकी शिल्पकला, इसके आकार और नक्काशियां बयां कर ही देती हैं.



जुमा मस्जिद की नींव अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह सन 1842 में रखी थी, लेकिन कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई.



बादशाह मोहम्मद अली शाह की मौत के बाद मस्जिद का काम अधूरा रह गया.



बादशाह की मौत के बाद उनकी बेगम मलका जहां ने मस्जिद का का अधूरा काम पूरा करवाया.



जुमा मस्जिद का खास बात तो ये है कि भले ही इसका नाम जुमा मस्जिद है, लेकिन यहां जुमे के दिन नमाज नहीं पढ़ी जाती.



जुमा मस्जिद में 260 पिलर बने हुए हैं और उस दौरान इस खूबसूरत मस्जिद के इलाके के नाम 'मेरे फहीम खान की गढ़ी' था.



अंग्रेजों के आने के बाद इस उन्होंने इस मस्जिद के विशाल फाटक को तोड़ दिया था.



जुमा मस्जिद का आंगन दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में लिया जाता है, जिसकी मीनारें बहुत शानदार है.



इस मस्जिद में जाने के लिए किसी को भी यहां की मीनारों से होकर ही जाना होगा. अब इस जगह पर कुछ नहीं रहा, लेकिन यहां की नक्काशियां पूरी दुनिया में सबसे खूबसूरत मानी जाती है.