मुगल शासक अकबर की बचपन की दोस्त खानिम बेगम से उनकी पहली मुलाकात चाची के तौर पर हुई



डॉ मोहनलाल गुप्ता ने किताब तीसरा मुगल जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर में बताया कि दोनों की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं था



जब अकबर छोटे थे तो उनकी देखभाल चाचा मिर्जा कामरान और उसकी बुआ करती थीं. तब उन्हें कामरान के हरम में रखा गया



खानिम बेगम भी हरम में रहती थीं क्योंकि वह मिर्जा कामरान की बीवी थीं



जब कामरान की बुआ हुमांयू के पास चली गईं तो अकबर की जिम्मेदारी खानिम बेगम के पास आ गई



उम्र में ज्यादा फर्क न होने की वजह से दोनों में दोस्ती हो गई. कुछ समय बाद हुमांयू ने कामरान की आंखें फोड़ दीं और उसको मक्का भेज दिया



कामरान के मक्का जाने के बाद खानिम बेगम ने मिर्जा सुलेमान से शादी कर ली, जो अकबर के चचेरे चाचा लगते थे



नए रिश्ते में ही खानिम बेगम अकबर की चाची लगती थीं. जब अकबर 13 साल के हुए तो काबुल से भारत आ गए और दोनों की दोस्ती बस यादों में रह गई



दोनों की बचपन की यह दोस्ती इतनी मजबूत थी कि अकबर ने युद्ध के मैदान में भी याद रखा



20 साल बीतने के बाद जब कामरान और खानिम बेगम के बेटे मिर्जा शाहरुख साथ विद्रोह हुआ तो अकबर ने दोस्ती निभाई