महाकुंभ 2025 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले की खूब तारीफ हो रही है.
उनके फैसले की सभी महंत सराहना कर रहे हैं और सनातनी संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम बता रहे हैं.
सीएम योगी ने महाकुंभ में शाही स्नान और पेशवाई जैसे मुगलकालीन शब्दों को हटा दिया है.
इस महाकुंभ में शाही स्नान और पेशवाई की जगह अमृत स्नान और छावनी प्रवेश जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के महंत स्वामी दिलीप दास त्यागी महाराज ने सीएम योगी के इस फैसले की खूब तारीफ की है.
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सनातनी शब्दों को शामिल करना सनातन संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने भी सीएम योगी की तारीफ की है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कुंभ में उर्दू शब्दों को बदलकर हिंदी और सनातनी शब्दों के उपयोग का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.
उन्होंने कहा कि अब शाही स्नान और पेशवाई जैसे शब्द इतिहास बन गए हैं और उनकी जगह अमृत स्नान और छावनी प्रवेश ने ले ली है.
संतों ने कुंभ में उर्दू और फारसी शब्दों के प्रचलन का विरोध किया था और इन्हें बदलने की मांग उठाई थी.