राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मुगल शासक औरंगजेब की सादगी और मेहनत करने की आदत की तारीफ किया करते थे.
महात्मा गांधी ने 1921 की अपनी कई पत्रिकाओ में और किताब में औरंगजेब का जिक्र किया है.
साप्ताहिक पत्रिका ‘यंग इंडिया’ में 21 जुलाई 1920 को गांधी जी ने लिखा कि औरंगजेब टोपियां सिला करता था.
'नवजीवन' और 'यंग इंडिया' जैसी साप्ताहिक पत्रिकाओ में महात्मा गांधी ने औरंगजेब की महानता और उनकी टोपी सिलने के काम को बहादुरी का काम बताया है.
गांधीजी ने कहा कि मुगल शासन में भारतीयों की संस्कृति और आजादी बनी रही.
कटक में 24 मार्च 1921 को उन्होंने कहा कि औरंगजेब के समय में शिवाजी का उभरना संभव था.
उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू-मुस्लिम में झगड़े कम होते थे.
गांधीजी ने ‘हिंद स्वराज’ में लिखा कि अंग्रेजों ने इतिहास को गलत तरीके से पेश किया.
उन्होंने कहा कि विदेशी इतिहासकारों ने औरंगजेब को जानबूझकर हिंदू विरोधी दिखाया.
गांधीजी ने एकसभा में बताया कि मुस्लिम लीग के नेता मौलाना मुहम्मद अली जौहर ने उनसे एक बार कहा था कि औरंगजेब को गलत समझा गया है. मुगल हुकूमत उतनी खराब नहीं थी, जितनी अंग्रेज इतिहासकारों ने बताई.