भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली.
पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर फूलों से सजे ताबूत में उनके आवास मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रखा गया, जहां कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में कुछ खास बातें ऐसी हैं, जो बहुत कम लोग जानते होंगे.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का भाषण उर्दू में लिखा जाता था.
संजय बारू के मुताबिक मनमोहन सिंह की राष्ट्र के नाम दी गई पहली स्पीच की प्रैक्टिस में तीन दिन लगे थे, जिसे 24 जून की सुबह रिकॉर्ड किया गया था और शाम को टेलीकास्ट किया गया था.
खास बात ये है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के हिंदी वाले भाषण को उर्दू में लिखा गया था. वो इसलिए क्योंकि उन्होंने कभी हिंदी नहीं पढ़ी थी.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का जन्म पश्चिमी पंजाब यानी अब के पाकिस्तान में हुआ था. यही कारण था कि उन्होंने कभी हिंदी पढ़ी ही नहीं.
वैसे तो पूर्व पीएम की मातृभाषा पंजाबी थी, लेकिन उनकी पूरी पढ़ाई उर्दू भाषा में हुई है. कहते हैं कि उन्हें उर्दू अच्छी आती थी.
डॉ. मनमोहन सिंह को उर्दू साहित्य और उर्दू कविताओं का भी खूब शौक था.
अक्सर वे सदन में उर्दू कविता सुनाते थे. उनकी स्वतंत्रता दिवस की स्पीच भी उर्दू में ही लिखा जाती थी.